आज बहुत शोर हैं बाहर,
मोहोल्ला हुआ हैं खूब रोशन |
इस रौश्नी और धुए मे,
न जाने तारे कहाँ गुम हो गये |
अजी चाँद तारों की बातें फ़िज़ूल,
हमे खुदसे गुम हुए सदिया बीत गयी |
फिलहाल एक कहानी ही सुनलो
शायद गुम हुए तारे वापस लौट आए |
To participate in The True Story I Met contest and win a copy of book visit: Facebook/TheLastNomad
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मोहोल्ला हुआ हैं खूब रोशन |
इस रौश्नी और धुए मे,
न जाने तारे कहाँ गुम हो गये |
अजी चाँद तारों की बातें फ़िज़ूल,
हमे खुदसे गुम हुए सदिया बीत गयी |
फिलहाल एक कहानी ही सुनलो
शायद गुम हुए तारे वापस लौट आए |
My novella, The Last Nomad, released on 25th September, is an invitation to meet your true story.
To participate in The True Story I Met contest and win a copy of book visit: Facebook/TheLastNomad
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- हेरंबISupportNAAM
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