फिलहाल एक कहानी

आज बहुत शोर हैं बाहर,
मोहोल्ला हुआ हैं खूब रोशन |
इस रौश्नी और धुए मे,
न जाने तारे कहाँ गुम हो गये |


अजी चाँद तारों की बातें फ़िज़ूल,
हमे खुदसे गुम हुए सदिया बीत गयी |
फिलहाल एक कहानी ही सुनलो
शायद गुम हुए तारे वापस लौट आए |


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- हेरंब
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